आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद
जरूरी है, नहीं तो आंखों के नीचे काले घेरे पड़ जाते हैं और रोशनी भी कम होती
है।
जब आँख भारी होने लगें, नींद
का समय हो जाए, तब जागना उचित नहीं। सूर्योदय के बाद सोये रहने, दिन
में सोने और रात में देर तक जागने से आँखों पर
बुरा प्रभाव पड़ता है और धीरे-धीरे आँखें रुखी और बेजान होने लगती हैं।
लगातार बिस्तर पर लेटकर और यात्रा के
दौरान पढ़ना नहीं चाहिए। पढ़ाई के
समय आंखों को पर्याप्त विश्राम दें। सूर्य की और भी टकटकी लगाकर नहीं देखना चाहिए।
आंखों की रोशनी तेज करने के लिए अपनी
खुराक में प्याज और लहसुन को जरूर
शामिल करें। इनमें सल्फर होता है जो आंखों के लिए ग्लूटाथाइन नामक एंटीऑक्सीडेंट तैयार करता है, जिससे
नेत्रों की ज्योति बढ़ती है।
सोया व इसके उत्पाद में फैट्स बहुत कम
व प्रोटीन बहुत अच्छी मात्रा में होता
है। इसमें जरूरी फैटी एसिड, विटामिन ई व कई जरूरी तत्त्व होते हैं जो आंखों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
लगातार टीवी देखने से आंखों की ज्योति
घटती है क्योंकि टीवी से निकलनेवाली घातक किरणे आँखों को बहुत
ज्यादा नुकसान पहुँचती है। कभी भी
बहुत पास या बहुत दूर और लेटकर भी टीवी नहीं देखना चाहिए।
सुबह मुहँ में पानी भरकर आँखें खोलकर
साफ पानी के छीटें आँखों में मारने चाहिए
इससे आँखों की रोशनी बढ़ती है।
प्रातः खाली पेट आधा चम्मच ताजा मक्खन, आधा
चम्मच पसी मिश्री और 5 पिसी काली मिर्च मिलाकर चाट लें, इसके
बाद कच्चे नारियल की गिरी के 2-3 टुकड़े खूब चबा-चबाकर खाये और ऊपर से थोड़ी
सौंफ चबाकर खा लें फिर दो घंटे तक कुछ भी न खाये। यह
क्रिया 2-3 माह तक जरूर करें। बालों पर रंग, हेयर डाई और केमिकल शैंपू लगाने से
परहेज करें।
रात को 1 चम्मच त्रिफला मिट्टी के बर्तन में
भिगाकर सुबह छाने हुए पानी से
आँखें धोयें। इससे आँखों की रोशनी बढ़ती है और कोई बीमारी भी नहीं होती।
प्रातः नियमित रूप से हरी घास पर 15-20
मिनट तक नंगे पैर टहलना चाहिए। घास पर ओस की नमी रहती है नंगे
पैर इस पर टहलने से आँख को तनाव
से राहत मिलती है और रोशनी बढ़ती है।
पैरों के तलवे की सरसों के तेल से
नियमित मालिश करनी चाहिए। नहाने से 10 मिनट पूर्व पैरों के अंगूठों को सरसों के तेल
से तर करने से आँखों की रोशनी लंबे
समय तक कायम रहती है।
पालक, पत्ता गोभी, हरी
सब्जियाँ और पीले फल खाएं। विटामिन ए, सी और ई
से भरपूर कई पीले फल हमारी आंखों के लिए फायदेमंद हैं। इसके अतिरिक्त पपीता, संतरा, नीबू आदि के सेवन से दिन की रोशनी में हमारे
देखने की क्षमता बढ़ती हैं।
आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए प्रतिदिन
1-2
गाजर खूब चबा-चबाकर खाएँ। गाजर का रस निकालकर भोजन के घंटे
भर बाद पिएँ।
नियमित रूप से अंगूर खाएं। अंगूर के
सेवन से रात में देखने की क्षमता बढ़ती
है।
2
अखरोट और 3 हरड की गुठली को जलाकर उनकी भस्म के साथ 4 कालीमिर्च को पीसकर उसका अंजन करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। 10
ग्राम छोटी इलाइची, 20 ग्राम सौंफ के मिश्रण को महीन पीस लें। एक चम्मच चूर्ण को दूध के साथ नियमित रूप से पीने
से आंखों की ज्योति बढ़ती है।
अनार के 5 से
6
पत्ते पीसकर दिन में 2 बार लेप करने से दुखती आँख में लाभ होता हे और रोशनी भी बढ़ती है।
300 ग्राम सौंफ को अच्छे से साफ करके कांच के
बर्तन में रख लें अब बादाम और गाजर के रस से सौंफ को तीन
बार भिगोएँ जब सूख जाए तो इसे रोज
रात दूध के साथ लें। इससे भी आँखों की रोशनी बढ़ती है।
सूखें आँवले को रात में पानी में अच्छी
तरह धोकर भिगो दें फिर दिन में 3 बार इसे रुई से आँखों में डालें और आँवले का
ज्यादा से ज्यादा किसी न किसी रूप
में अपने खाने-पीने में अवश्य प्रयोग करें। 3 माह के अंदर ही चश्मा उतर जायेगा।
प्रतिदिन भोजन के साथ 50 से
100
ग्राम मात्रा में पत्तागोभी के पत्तों का सलाद
बारीक कतरकर, इन पर पिसा हुआ सेंधा नमक और काली मिर्च डालकर खूब चबा-चबाकर खाएँ।
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