लौंग पेट से गैस निकाल देता है। साथ ही, यह
पेट में फूड के मूवमेंट को भी
सही रखता है। लौंग का स्वाद तीखा होता है। यह स्लाइवा को बढ़ाता है, जो पाचन के लिए जरूरी है। अगर एसिडिटी की दिकक्त
है, तो एक लौंग चबाकर खाएं। इससे काफी राहत मिलेगी।
धीरे-धीरे लौंग को चबाने से एसिड कम होता है
और आराम मिलता है।
पुदीने की पत्तियों को माउथ फ्रेशनर की
तरह भी उपयोग किया जाता है और गार्निश
के लिए भी। एसिडिटी को खत्म करने के लिए पुदीना सबसे बेस्ट घरेलू उपाय है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को सही रखता है।
पेट में एसिड की वजह से होनेवाली जलन और दर्द को कम करने
में भी यह काफी कारगर है। अगर खाने
के बाद एसिडिटी की दिकक्त महसूस होती है, तो कुछ पत्तियां पुदीने की भी खा सकते हैं या पानी में उबालकर पानी पी सकते
हैं। इससे जल्द राहत मिलेगी।
अदरक डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखता है
और इसमें पोषक तत्त्व भी होते हैं। अदरक शरीर के प्रोटीन को अलग
करने का भी कामकरता है। अदरक के
सेवन से पेट में अल्सर गांठ नहीं होती। एसिडिटी की दिक्कत होने पर अदरक का एक टुकड़ा चबाएं। तुरंत आराम के लिए
अदरक को पानी के साथ उबालकर पिएं।
आंवले को कफ और पित दूर भगाने के लिए
इस्तेमाल किया जाता है। इसमें विटामिन
सी की मात्रा ज्यादा होने के चलते यह पेट से जुड़ी समस्याओं में बहुत लाभकारी है। दो दिन में एक बार एक चम्मच आंवले
का चूर्ण खाने से एसिडिटी, कब्ज और बाल झड़ने जैसी समस्याओं से राहत
मिलेगी।
ज्यादा एसिडिटी होने पर सुबह नारियल
पानी पीने से काफी आराम मिलता अचार, स्पाइसी
चटनी, सिरका भी ज्यादा न ही खाएं तो अच्छा है। खट्टी चीजों से एसिड जल्दी बनता है।
केले में कैल्शियम, पोटेशियम, फॉलिक
एसिड और विटामिन ए, बी की भरपूर
मात्रा होती है। केले में पोटेशियम की मात्रा एसिड के लिए काफी फायदेमंद होती है, इसलिए
केला सबसे अच्छा ऑप्शन है। केले में चिकनाहट होती है,
जिससे पेट साफ हो जाता है। केला पेट
में जाकर एक चिकनी परत जमा देता
है, जिससे पेट में होनेवाली एसिडिटी कम होती है।
केले में फाइबर ज्यादा होता है, जो डाइजेस्टिव सिस्टम सही रखने में
मददकरता है।
डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए तुलसी बेहद
फायदेमंद होती है। यह पेट में लिक्विड
बढ़ाने का काम करती है और इसमें अल्सर विरोधी गुण भी होते हैं। स्पाइसी खाना होनेवाले एसिड को कम करने का भी
कामकरता है। रोज सुबह
तुलसी खाने से गैस की समस्या कम होती
है। खाना के बाद पांच से छह तुलसी की
पत्तियां रोज खाने से एसिडिटी में आराम मिलता है।
दूध में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा
होती है, जो एसिड को खत्म करने का कामकरता है। दूध एसिड को अब्जॉर्ब भीकरता है।
एसिडिटी में होनेवाली जलन को
कम करने के लिए ठंडा दूध अच्छा रहता है। ठंडा दूध पेट में चीनी की तरह घुल जाता है, जिससे जलन कम हो जाती है। रोज सुबह एक
कप ठंडा दूध पीने से एसिडिटी की दिक्कत खत्म हो जाती है।
सौंफ ठंडा होता है, जो
पेट में जलन को कमकरता है। होटल या रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद सौंफ सर्व किया जाता है, ताकि
खाना खाने के बाद जलन या एसिडिटी की दिक्कत न हो। एसिडिटी की
परेशानी ज्यादा होने पर सौंफ को पानी
में उबालकर पीने से भी फायदा होता है। एसिडिटी की दिक्कत न हो, इसके लिए रोज खाना खाने के बाद सौंफ खाएं।
इसमें कफ, पित्त
और वात (गैस) को बैंलेस करनेवाले औषधीय गुण हैं। पेट में ऐंठन या डाइजेस्टिव सिस्टम में दिकक्त
होने पर यह काफी लाभकारी है। यह
पेट में बननेवाले एक्सट्रा एसिड के प्रभाव को कमकरता है। इलायची के मीठे स्वाद और ठंडा होने की वजह से एसिडिटी और
जलन में राहत मिलती है। एसिडिटी होने पर इलायची पाउडर को
पानी में उबालकर पीना सही रहता है।
यह बेहतर पाचन में मददकरता है, क्योंकि
जीरे में लार बनाने के गुण होते हैं, जिससे
हमारा टेस्ट बनता है। जीरा गैस और कब्ज में काफी फायदेमंद है। जीरा पेट को शांतकरता है और एसिडिटी के कारण
अल्सर की बननेवाली गांठ को खत्मकरता है। जीरे को पानी में
उबालकर पिएं। इससे जल्दी आराम मिलेगा और
एसिडिटी की दिक्क्त खत्म हो जाएगी।
पिप्पली चूर्ण को शहद के साथ चाटें।
ठंडे दूध का सेवन करें।
सौंफ, आँवला व गुलाब के फूलों का सम मात्रा
में चूर्ण बनाकर आधा-आधा चम्मच सुबह-शाम लें।
नियमित रूप से सुबह खाली पेट गर्म पानी
पीने से एसिडिटी में राहत मिलती नारियल
पानी पीने से भी एसिडिटी में आराम होता है।
लौंग चूसने से भी एसिडिटी खत्म हो जाती
है।
एक गिलास गर्म पानी में एक चुटकी
कालीमिर्च चूर्ण तथा आधा नीबू निचोड़कर
नियमित रूप से सुबह सेवन करें।
सलाद के रूप में मूली पर काला नमक तथा
कालीमिर्च छिड़ककर खाएँ।
जायफल तथा सौंठ का एक-एक चुटकी चूर्ण
लेने से एसिडिटी दूर होती है।
खाने के बाद एक चम्मच जीरा खा लेने से
भी एसिडिटी खत्म हो जाती है।
0 टिप्पणियां