शहद में अदरक का रस मिलाकर दिन में
दो-तीन बार लीजिए। केले के पेड़ के सूखे पत्ते को जलाकर
उसकी राख बना लीजिए, इस राख को
एक शीशी में भरकर रख लें। जब भी सर्दी- खाँसी हो थोड़ी सी राख शहद में मिलाकर दिन में दो तीन बार लीजिए। इससे कफ
तेजी से निकलने लगता है।
बहेड़े का एक छिलका मुँह में रखकर
चूसते रहिए। यह कफ का निष्कासन सुगमता
सेकरता है और जब तक मुँह में रहे खाँसी नहीं आती।
लौंग भी सर्दी के निष्कासन में मददगार
होता है, मुँह में रखकर लौंग चूसते रहें। रात को सोते समय अगर मुँह में एक लौंग
रखकर सोएं तो सुबह गला अच्छा साफ
हो जाता है।
गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारे करने
से गले में जमा कफ की अच्छी सफाई
हो जाती है।
तुलसी के पत्ते, तना
और बीज तीनों का कुल वजन 50 ग्राम होना चाहिए। इसके लिए तुलसी के ऊपर से तोड़ लें। इसमें बीज
तना और तुलसी के पत्ते तीनों आ
जाएंगे इनको एक बरतन में डालकर 500 मिलिलीटर पानी डाल लें। इसमें 100
ग्राम अदरक और 20 ग्राम काली मिर्च दोनों को पीसकर डालें और
अच्छे
से उबाल लेवें और जब पानी 100
ग्राम रह जाए तो इसे छानकर किसी कांच की
बोतल में डालकर रख लें। इसमें थोडा सा शहद मिलाकर इसके दो चम्मच (दिन
में 3 बार) ले सकते हैं।
जुकाम के लिए 2
चम्मच अजवायन को तवे पर हल्का भूने और फिर उसे एक रूमाल या कपडे में बांध ले और पोटली बनाकर
उस पोटली को नाक से सूंघे और सो जाएं।
खांसी के लिए रोज दिन में 3
बार हल्के गर्म पानी में आधा चम्मच सैंधा नमक
डालकर गरारे करें। सुबह उठकर दोपहर को और फिर रात को सोने से पहले।
एक चम्मच शहद में थोडी सी पीसी हुई
काली मिर्च का पाऊडर डालकर मिलाए
और उसे चाटें। अगर खांसी ज्यादा आ रही हो तो दो साबुत कालीमिर्च के दाने और थोडी सी मिश्री मुंह में रखकर चूसे
आराम मिलेगा।
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