श्वेत
प्रदर प्रातः-सायं 20-25 अनार के ताजे पत्ते 10-12 काली मिर्च के साथ पीस लें। इसमें आधा
गिलास पानी डालें फिर छानकर पी जाएं।
भुनं
चने में गुड़ की शक्कर मिलाकर खाएं। बाद में एक कप दूध में देशी घी डालकर पिएं, लाभ होगा। जीरा भूनकर चीनी के साथ
खाएं। प्रतिदिन प्रातः-सायं फिटकरी के पानी से गुप्तांगों को अंदर तक धोयें।
एक
माह तक प्रतिदिन 10 ग्राम सोंठ एक कप पानी में काढा बनाकर
पियें। एक ग्राम कच्ची फिटकरी एक केले के बीच में से काटकर भर दें। इसे दिन या रात
में एक बार खाएं। सात दिन में प्रदर ठीक होगा।
3 ग्राम शतावरी या सफेद मूसली, 3 ग्राम मिश्री, इसका चूर्ण सुबह-शाम गर्म दूध से लें।
इससे रोग तो दूर होगा ही साथ कमजोरी भी दूर हो जाएगी। माजूफल, बडी इलायची, मिश्री समान मात्रा में पीस लें।
एक
हफ्ते तक दिन में तीन बार लें। बाद में दिन में एक बार 21, दिन तक लें, लाभ होगा। प्रातः-शाम दो चम्मच प्याज
का रस बराबर मात्रा में शहद मिलाकर पिये।
पीपल
के दो चार कोमल पत्ते लेकर कूट-पीसकर लुगदी बनाकर दूध में उबालकर पीने से
स्त्रियों के अनेक रोग दूर हो जाते हैं, जैसे
मासिक धर्म की अनियमितता तथा प्रदर रोग।
गर्मी
के दिनों में फालसा खूब खायें व इसका शरबत पियें।
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