पपीते में खाने को पचाने का एंजाइम होता है, जो खाने को फाइबर में बदलने का काम करता है।
पपीता त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें एंटी-इन्फ्लेमेंटरी तत्त्व होते हैं।
पपीते के पेड़ से निकलनेवाला दूध मुहाँसो पर लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं।
फलों से निकलनेवाले दूध को बच्चों को देने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और बाहर निकल आते है।
पपीते की जड (10 ग्राम) और कुल्थी (50 ग्राम) का मिश्रण लेकर काढ़ा बनाकर लेने से बवासीर में फायदा होता है।
पपीते के रस में दूध और मिश्री मिलाकर रात को पीने से अनिद्रा रोग में फायदा होता है।
पपीता पित्तनाशक, वीर्यवर्धक और एक उत्तम पाचक फल है।
पपीते के सेवन से पाचन तंत्र ठीक रहता है और पेट के रोग दूर होते हैं।
पपीता पेट के तीन प्रमुख रोग आम, वात और पित्त तीनों में ही राहत पहुंचाता है। यह आंतों के लिए उत्तम फल है।
पपीता आंखों और त्वचा के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इससे आंखों की रोशनी तो अच्छी होती ही है, त्वचा भी स्वस्थ, स्वच्छ और चमकदार रहती है।
पपीता हड्डियां मजबूत बनाता है।
पपीते से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
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