रोजाना सौंफ खाने से खून साफ होता है व रक्त से संबंधित बीमारियों में लाभ होता है। खून साफ होने से त्वचा में भी चमक आ जाती है।
सौंफ के अर्क में 10 ग्राम शहद मिलाकर इसका सेवनकरें। खांसी में तत्काल आराम मिलेगा।
बेल का गूदा 10 ग्राम और 5 ग्राम सौंफ सुबह-शाम चबाकर खाने से अजीर्ण मिटता है और अतिसार में लाभ होता है।
सौंफ और मिश्री समान भाग लेकर पीस लें। इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ दो माह तक लें। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है तथा नेत्र ज्योति में वृद्धि होती है।
प्रतिदिन 5-6 ग्राम सौंफ खाना लीवर और आंखों के लिए फायदेमंद होता है।
अपच संबंधी विकारों में भी सौंफ का सेवन बेहद उपयोगी है। सौंफ को तवे पर थोड़ा सा सेंककर खाने से पेट के रोगों में आराम मिलता है।
गुड़ के साथ सौंफ खाने से महिलाओं का मासिक धर्म नियमित होता है। अगर गले में खराश हो जाए तो सौंफ चबाना चाहिए। सौंफ चबाने से बैठा हुआ गला साफ हो जाता है।
सौंफ खाने से पाचन तंत्र में सुधार होता है और भूख भी नियंत्रित रहती है। इसके अलावा लीवर की सफाई भी होती है।
दो कप पानी में उबली हुई एक चम्मच सौंफ को दो या तीन बार लेने से कफ की समस्या समाप्त होती है। अस्थमा और खांसी में सौंफ सहायक है। कफ और खांसी के इलाज के लिए सौंफ खाना फायदेमंद है।
गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होता है।
सौंफ को अंजीर के साथ खाएँ और खाँसी व ब्रोंकाइटिस को दूर भगाएँ। गर्मियों में सौंफ को गलाकर सेवनकरने से ठंडक मिलती है। सौंफ के पावडर को शक्कर के साथ बराबर मिलाकर लेने से हाथों और पैरों की जलन दूर होती
है।
जो लोग कब्ज से परेशान हैं, उनको आधा ग्राम गुलकंद और सौंफ मिलाकर दूध के साथ रात में सोते समय लेना चाहिए। कब्ज दूर हो जाएगा।
सौफ खाने से लीवर ठीक रहता है।
रोजाना सुबह-शाम खाली सौंफ खाने से खून साफ होता है जोकि त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इससे त्वचा में चमक आती है।
यदि बार-बार मुंह में छाले हों तो एक गिलास पानी में चालीस ग्राम सौंफ पानी आधा रहने तक उबालें। इसमें जरा सी भुनी फिटकरी मिलाकर दिन में दो तीन बार गरारे करें।
सौंफ और मिश्री समान भाग लेकर पीस लें। इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ दो माह तक लीजिए। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है।
सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीसकर चूर्ण बना लीजिए, रात को सोते वक्त लगभग 5 ग्राम चूर्ण को हल्के गुनगने पानी के साथ सेवन कीजिए। पेट की समस्या नहीं होगी व गैस व कब्ज दूर होंगे।
सौंफ को बेल के गूदे के साथ सुबह-शाम चबाने से अजीर्ण समाप्त होता है और अतिसार में फायदा होता है।
खाने के बाद सौंफ का सेवनकरने से खाना जलदी पचता है।
सौंफ, जीरा व काला नमक मिलाकर चूर्ण बना लीजिए। खाने के बाद हल्के गुनगुने पानी के साथ इस चूर्ण को लीजिए, यह उत्तम पाचक चूर्ण है।
खाने के लगभग 30 मिनट बाद एक चम्मच सौंफ खा लें, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहेगा।
आधी कच्ची सौंफ के चूर्ण और आधी भुनी सौंफ के चूर्ण में हींग और काला नमक मिलाकर 2 से ग्राम मात्रा में दिन में तीन-चार बार प्रयोगकराएं इससे गैस और अपच दूर हो जाती है।
भूनी हुई सौंफ और मिश्री समान मात्रा में पीसकर हर दो घंटे बाद ठंडे पानी के साथ फंकी लेने से मरोड़दार दस्त, आँव और पेचिश में लाभ होता है। यह कब्ज को दूर करती है।
बादाम, सौंफ और मिश्री तीनों बराबर भागों में लेकर पीसकर भर दें और रोज दोनों टाइम भोजन के बाद 1 टी स्पून लें। इससे स्मरणशक्ति बढ़ती है।
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