1. घाव जल्दी भरणा
त्रिफला के काढ़े से घाव धोने से घाव जल्दी भर जाता है।
2. आंखों के लिए वरदान
गाय का घी व शहद के मिश्रण (ची अधिक व शहद कम) के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन आंखों के लिए वरदान स्वरूप है।
3. मोतीयाबिंद , काचबिंदू , दुर्ष्टीदोष में लाभकारी
संयमित आहार-विहार के साथ इसका नियमित प्रयोग करने से मोतियाबिंद, काचबिंदु, दुर्ष्टीदोष आदि नेत्र रोग होने की संभावना नहीं होती।
4. मधुमेह व मूत्र संबंधी सभी विकारों लिए
मूत्र संबंधी सभी विकारों व मधुमेह में यह फायदेमंद है। रात को गुनगुने पानी के साथ त्रिफला लेने से कब्ज नहीं रहती है।
5. रेडियोधर्मिता
त्रिफला का सेवन रेडियोधर्मिता से भी बचाव करता है।
6. आंखों के लिए
एक चम्मच त्रिफला चूर्ण रात को एक कटोरी पानी में भिगोकर रखें। सुबह कपड़े से छानकर उस पानी से आंखें धो लें। यह प्रयोग आंखों के लिए अत्यंत हितकर है। इससे आंखें स्वच्छ व ष्टिसूक्ष्म होती है। आंखों की जलन, लालिमा आदि तकलीफें दूर होती हैं।
7. मुख की दुर्गंध व मुंह के छाले
त्रिफला रात को पानी में भिगोकर रखें। सुबह मंजन करने के बाद यह पानी मुंह में भरकर रखें। थोड़ी देर बाद निकाल दें। इससे दांत व मसूड़े वृद्धावस्था तक मजबूत रहते हैं। इससे अरुचि, मुख की दुर्गंध व मुंह के छाले नष्ट होते हैं।
8. मोटापा कम करणे के लिए
त्रिफला के गुनगुने काढ़े में शहद मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।
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